ध,ू,ल
Malhotra, Rachna![ध,ू,ल](https://support.digitalhusky.com/media/annotations/sorted/453/45357528/CHSBZCOP0345357528.jpg)
About the Book: धूल सरमाया है जीवन का। जीवन इसीसे शुरू होता है और खत्म भी।और फिर भी हम इसे झटकना चाहते हैं खुदसे। कुछ कड़वे जज़्बात और सच्चाइयां भी ऐसी ही हैं जिनसे हम भागते रहते हैं, नज़र बचाते रहते हैं। धूल उन्ही जज़्बातों और सच्चाइयों से आपको रु-ब-रु कराने की एक कोशिश है। मेरी यही ख्वाइश है के इसे जो भी पढ़े, संबंध बना सके अपने अंदर के जज़्बातों से। अगर मेरी कविताएं उन एहसासों और जज़्बातों की आवाज़ बन सकी हैं तो मेरे लिए ये बहूत संतुष्टि की बात होगी। हाँ कुछ...